Monday, 6 December 2010

ऐसाही होना चाहिए.......

साला  अपना   लाइफ  ऐसाही  होना  चाहिए |
खाना  -पीना  और  मस्त , जीना  होना  चाहिए |
कितनाही  मेरा अच्छा -बुरा  बर्ताव  हो |
घरवालोंसे  खिटपिट  नहीं  ,सिर्फ  प्यार  मिलना  चाहिए |

स्कूल  -कॉलेज  में  कभी - कभी , जाना  होना  चाहिए |
उधर  खेल - मनोरंजन  का  सिर्फ  ,याराना  होना  चाहिए |
साला  बोरिंग  स्टडी  और  एक्झाम  का ,
 सदा  केलिए  जनाजा  ऊठ  जाना  चाहिए |

माल -मल्टीप्लेक्स  -डिस्को  में  बार - बार  जाना  होना  चाहिए |
रोज  नयी  पटाखा गर्ल  फ्रेंड  का ,साथ   होना  चाहिए |
पर  पॉकेट  मनी  के  कारन  से , मंथ एंड में , 
घरमें  ताना  -बाना , नहीं   होना  चाहिए |

जिंदगी चलाने केलिए, नौकरी  धंदे  की  साली ,खिटपिट  नहीं  चाहिए|
चारो  तरफ  से  ,सुख  समृद्धि  की  ,बरसात  होनी  चाहिए|
अगर  कुछ  भी  नहीं  तो कम से कम ,
सौ करोड़ की लॉटरी की,खास बात,जल्दी और एक बार तो होनी चाहिए|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे०६/१२/२०१०

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