किसको उसकी पड़ी खास नहीं |
किसको आशाओंसे देखू मैं |
दोष किसको दे दूँ मैं |
किसके लिये जीते रहे |
मरण ही दिल को भाते रहे |
विष लेकर किसका रोष ले लूँ मैं |
दोष किसको दे दूँ मैं |
जीवन साला जहर का प्याला |
दर्द ही ज्यादा , जैसे आग का गोला |
कब तक ये सहू मैं |
दोष किसको दे दूँ मैं |
रब मेरी तुज़से एकही मांग हो |
सदा केलिये तेरा ही संग हो |
तेरा नाम , मेरे नाम से जोडू मैं |
दोष ना किसको दे दूँ मैं |
कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०६/१२/२०१०
No comments:
Post a Comment