किसकी रहती है तुझे सदासे ही फ़िक्र?
कुछ तो किया कर किसीसे ज़िक्र|
कल की चिंताओं को गोली मार दो|
आजके सुहाने पल ख़ुशी से भर दो|
भगवान ने तुझे दिया सब कुछ खास है|
फिर क्यों मेरे यार तू उदास उदास है|
खुद की ओर गौर से देख तो ज़रा|
कुछ भी तो नही है प्यारे तुझमे बुरा|
खुशकिस्मत पायी है तूने लाखोंमे एक|
खुशी ले खुशी दे , ना पीछे मुड़के देख|
खुशी ले खुशी दे , ना पीछे मुड़के देख|
कोई अच्छे से शौक को अपनाओ|
बुरे विचारोन्को सदा केलिये दफनाओ|
प्राणायाम ,योग ,ध्यान के साथ जुडो|
वैद्य-दवाओंका का रिश्ता जड से तोडो|
खुशी से कर दे तेरा हर पल हराभरा|
प्यारे , ये हसीन जिंदगी ना मिले दोबारा|
अब तो छोड़ो ये सब बेकार की बाते|
खुशहाल जिंदगी बीताओ प्यारे हंसते गाते|
कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०४/०८/२०११
बिलकुल सही कहा आपने।
ReplyDeleteसुंदर भाव।
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ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
रजनीशजी बहुत धन्यवाद...
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