Thursday, 4 August 2011

जिंदगी अनमोल



किसकी रहती है तुझे सदासे ही फ़िक्र?
कुछ तो किया कर किसीसे ज़िक्र|

कल की चिंताओं को गोली मार दो|
आजके सुहाने पल ख़ुशी से भर दो|

भगवान ने तुझे दिया सब कुछ खास है|
फिर क्यों मेरे यार तू उदास उदास है|

खुद की ओर गौर से देख तो ज़रा|
कुछ भी तो नही है प्यारे तुझमे बुरा|

खुशकिस्मत पायी है तूने लाखोंमे एक|
खुशी ले खुशी दे , ना पीछे मुड़के देख| 

 कोई अच्छे से शौक को अपनाओ|
बुरे विचारोन्को सदा केलिये दफनाओ|

प्राणायाम ,योग ,ध्यान के साथ जुडो|
वैद्य-दवाओंका का रिश्ता जड से तोडो|

खुशी से कर दे तेरा हर पल हराभरा|
प्यारे , ये हसीन जिंदगी ना मिले दोबारा|

अब तो छोड़ो ये सब बेकार की बाते|
खुशहाल जिंदगी बीताओ प्यारे हंसते गाते|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०४/०८/२०११

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