Friday, 25 February 2011

Birds Idol



Birds Idol प्रतियोगिता तय हो गई |
मोर ,तोता और मैना Judge बन गई|
सारे पंछियोंकी auditions हुई|
सबने अपनी अपनी सरगमें गाई|

गानेकेलिये आया मुर्गी संग मुर्गा तगड़ा|
कुकडू –कु गाकर मुर्गी संग Dance किया भांगड़ा|
चिड़िया-कौवा गाने केलिए साथ-साथ आये|
चीव-चीव ,कॉव-कॉव मस्त मजे लेके गाये|

चमगादड़ और उल्लू निंदसे जागकर आये|
दिन में ना गा पाए ,तो सब हँस दिए|
मैं ही हूँ “Birds Idol” कोयल बोली|
गाऊँगी तब जब भेजोगे मेरेलिए डोली|

कबुतरने गाने का मौका गँवाया|
एक Urgent संदेशा जो देने गया|
ऊँची आसमानमें चील खाली घुमती रही|
बोली मेरे पास गाने को समय ही नहीं|

बगुले ने पानी में समाधी लगायी|
ना गा पाया बेचारा ,ना मछली चबाई|
अंतिम List अब हो गयी जारी|
चिड़िया और कौवे ने आखिर बाजी मारी|

चिड़ियाने निचली पट्टी में तो खूब गाया|
पर उपरी पट्टी ने बेचारी को बहुत रुलाया|
कौवे की कॉव- कॉव से Judges चिढ़ गये|
पर SMS से उसके Vote बढ़ गये|

आखिर कौवे ने कुहू – कुहू गाकर  सबको नचाया|
पहला “Birds Idol” जीतकर इतिहास रचाया|
कोयल ने उतारे ऐसे बरसोंके क़र्ज़|
कौवे के बदले Stage पर गाकर निभाया फर्ज|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा 
  

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