मोर ,तोता और मैना Judge बन गई|
सारे पंछियोंकी auditions हुई|
सबने अपनी अपनी सरगमें गाई|
गानेकेलिये आया मुर्गी संग मुर्गा तगड़ा|
कुकडू –कु गाकर मुर्गी संग Dance किया भांगड़ा|
चिड़िया-कौवा गाने केलिए साथ-साथ आये|
चीव-चीव ,कॉव-कॉव मस्त मजे लेके गाये|
चमगादड़ और उल्लू निंदसे जागकर आये|
दिन में ना गा पाए ,तो सब हँस दिए|
मैं ही हूँ “Birds Idol” कोयल बोली|
गाऊँगी तब जब भेजोगे मेरेलिए डोली|
कबुतरने गाने का मौका गँवाया|
एक Urgent संदेशा जो देने गया|
ऊँची आसमानमें चील खाली घुमती रही|
बोली मेरे पास गाने को समय ही नहीं|
बगुले ने पानी में समाधी लगायी|
ना गा पाया बेचारा ,ना मछली चबाई|
अंतिम List अब हो गयी जारी|
चिड़िया और कौवे ने आखिर बाजी मारी|
चिड़ियाने निचली पट्टी में तो खूब गाया|
पर उपरी पट्टी ने बेचारी को बहुत रुलाया|
कौवे की कॉव- कॉव से Judges चिढ़ गये|
पर SMS से उसके Vote बढ़ गये|
आखिर कौवे ने कुहू – कुहू गाकर सबको नचाया|
पहला “Birds Idol” जीतकर इतिहास रचाया|
कोयल ने उतारे ऐसे बरसोंके क़र्ज़|
कौवे के बदले Stage पर गाकर निभाया फर्ज|
कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०२/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा
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