Monday, 6 December 2010

मैं अभिमानी

मुझमें हैं सबसे  होशियारी  ज्यादा |
हर  एक  साले  का  दिमाग  है आधा |
मेरा ही  बस  चले  हैं , सब  है  मेरे  दास |
क्योंकि  मैं  हूँ   खास  ,सिर्फ  मैं   हूँ  खास |

जो  जो  हैं अच्छा  ,वो  है सिर्फ  मेरा |
सबकी  साली  जिंदगी  में , कभी  ना  हो  सवेरा |
धनवान  ऐसा  हूँ , ना  रहूँ    कभी  उदास |
क्योंकि  मै  हूँ   खास  ,सिर्फ  मैं   हूँ  खास |

जिंदगी  की  रेस  में आगे  मेरी  गाड़ी  होगी |
सबके  जीवन  की  राह  में  दिक्कते  बड़ी  होगी |
आनेवाला  समय  मुझेही  आये  रास |
क्योंकि  मै  हूँ   खास  ,सिर्फ  मैं   हूँ  खास |

तेरे  अंद –धुंद अभिमान  को मर्यादा  हो |
सब  हैं समान, ये  तुझे पूरा ज्ञान  हो |
जल्दी  समज  ले  वर्ना  ,साथ  छोड़ेगी  बिच राह में साँस|
क्योंकि  वो  हैं  खास  ,सिर्फ  वही  हैं  सबसे  खास|

कवी : बाळासाहेब तानवडे

© बाळासाहेब तानवडे०६/१२/२०१

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