हर एक साले का दिमाग है आधा |
मेरा ही बस चले हैं , सब है मेरे दास |
क्योंकि मैं हूँ खास ,सिर्फ मैं हूँ खास |
जो जो हैं अच्छा ,वो है सिर्फ मेरा |
सबकी साली जिंदगी में , कभी ना हो सवेरा |
धनवान ऐसा हूँ , ना रहूँ कभी उदास |
क्योंकि मै हूँ खास ,सिर्फ मैं हूँ खास |
जिंदगी की रेस में आगे मेरी गाड़ी होगी |
सबके जीवन की राह में दिक्कते बड़ी होगी |
आनेवाला समय मुझेही आये रास |
क्योंकि मै हूँ खास ,सिर्फ मैं हूँ खास |
तेरे अंद –धुंद अभिमान को मर्यादा हो |
सब हैं समान, ये तुझे पूरा ज्ञान हो |
जल्दी समज ले वर्ना ,साथ छोड़ेगी बिच राह में साँस|
क्योंकि वो हैं खास ,सिर्फ वही हैं सबसे खास|
कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०६/१२/२०१०
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