तुने जो अपना मुँह फेर लिया |
आज तुझे जल्दी सोना क्यूँ भाये|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
तेरे लिए किया मैंने सारा शृंगार |
मिलन की आस में , तन हुआ अंगार|
तुझे पुकारे मेरी ये बाहें|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
रातरानी उसका गंध फैलाये|
मेरा मन तो तुझमे घुल जाये|
तेरे चेहरे से ना नजर हट जाये|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
समय भागे जब तु है साथ|
आज है सारी रुकी रुकी सी बात|
ये खास पल ना ख़ाली जाये|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
दुरियाँ अब ना सही जाये|
बाहोमें तेरी रात गुजर जाये|
जगाऊ कैसे मोहे शर्म आये|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
देखो वो निकला सुबह का तारा|
अब तो हो जाये मिलन हमारा|
ओठोंकी मेल में गुस्सा मिट जाये|
मेरे पिया की नींद खुल जाये|
कवी : बाळासाहेब तानवडे
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