तुजसा जीवन साथी जो मिल गया|
तूफान में फसी मेरी जीवन नय्या को|
जैसे किनारा मिल गया|
सुख के पल कुछ कुछ पाया|
तपती किरनोने ही अधिक सताया|
तेरी उम्मिदोंका साथ पाया|
तब तो अब तक जी पाया|
तु है तो कुछ तो बात है|
नहीं तो दिन भी अँधेरी रात है|
जिंदगी तो कड़ी धुप थी|
तुने तो दिया घना साया है|
तेरे मेरे कुछ सुर निराले है|
फिर भी सुख दुःख के गीत साथ गाये है|
जैसे संगम की दो नदियोने|
सागर के सपने साथ पाए है|
नसीब के खेल बहुत खेले|
कभी ना मन चाहे जीत मिले|
फीके फीके रंग मेरे संसार के|
तेरे कारन ही गर्द खिले|
तेरे साथ की है रवानी|
दुःख दर्दोंकी ना रहेगी निशानी|
ऐसी होगी अपनी खूब कहानी|
और जिंदगी की हर भोर होगी सुहानी|
कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०६/१२/२०१०
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