Friday, 25 February 2011

चूहा भैया !

छुप – छुपके चलता है ,ची – ची करके बोलता है|
थोडीसी मेरी आहट से , खोपचे में दौडता है|

बिल्ली दिदिसे क्यों है तेरी सदा की दुश्मनी|
वह तो बेचारी रहती है तेरी सदा की दीवानी|

चूहे भैया - चूहे भैया , अरे रुक तो जरा|
मेरी एक छोटीसी बिनती , थोड़ी सुन तो जरा|

खेलने मुझसे आज ,  राजू नहीं आया|
मिनी से कल मेरा ,  झगड़ा हो गया|

आजा हम खेलते है , तू बन जा मेरा भिडू|
चोर – सिपाही खेलेंगे , देखेंगे TV पर जादू|

तेरा क्या चूहे भैया ! तू तो गणेशजी का दोस्त|
ठाट से बैठता है बाजु में , खाता है लड्डू मस्त|

अरे ओ , चूहे भैया ! मेरा एक काम कर ना रे|
गणेशजी को बोलकर , मुझे चंदामामा दे ना रे|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा 

Birds Idol



Birds Idol प्रतियोगिता तय हो गई |
मोर ,तोता और मैना Judge बन गई|
सारे पंछियोंकी auditions हुई|
सबने अपनी अपनी सरगमें गाई|

गानेकेलिये आया मुर्गी संग मुर्गा तगड़ा|
कुकडू –कु गाकर मुर्गी संग Dance किया भांगड़ा|
चिड़िया-कौवा गाने केलिए साथ-साथ आये|
चीव-चीव ,कॉव-कॉव मस्त मजे लेके गाये|

चमगादड़ और उल्लू निंदसे जागकर आये|
दिन में ना गा पाए ,तो सब हँस दिए|
मैं ही हूँ “Birds Idol” कोयल बोली|
गाऊँगी तब जब भेजोगे मेरेलिए डोली|

कबुतरने गाने का मौका गँवाया|
एक Urgent संदेशा जो देने गया|
ऊँची आसमानमें चील खाली घुमती रही|
बोली मेरे पास गाने को समय ही नहीं|

बगुले ने पानी में समाधी लगायी|
ना गा पाया बेचारा ,ना मछली चबाई|
अंतिम List अब हो गयी जारी|
चिड़िया और कौवे ने आखिर बाजी मारी|

चिड़ियाने निचली पट्टी में तो खूब गाया|
पर उपरी पट्टी ने बेचारी को बहुत रुलाया|
कौवे की कॉव- कॉव से Judges चिढ़ गये|
पर SMS से उसके Vote बढ़ गये|

आखिर कौवे ने कुहू – कुहू गाकर  सबको नचाया|
पहला “Birds Idol” जीतकर इतिहास रचाया|
कोयल ने उतारे ऐसे बरसोंके क़र्ज़|
कौवे के बदले Stage पर गाकर निभाया फर्ज|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा 
  

Thursday, 24 February 2011

मै कौन ? हम है कौन?

न मांगे मिले नश्वर तन|
न मांगे मिले चंचलसा मन|
न समझू मेरे होणे का प्रयोजन|
मै न जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

भूक-प्यास लगे , शरीर दान-पाणी मांगे|
सारे अंग सोये ,सिर्फ सांस,धडकन जागे|
अंदर का नियंत्रण ना जाने करे कौन?
मै ना जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

आस्तिक रखे भगवान पे भरोसा|
नास्तिक ने है ,खुद को तराशा|
सोच कि मर्यादा ना उलंघे कौन|
मै ना जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

कोई अज्ञात शक्तीने सृष्टी को बनाया|
अदृश रहके इसको खूब चलाया|
इस महान कलाकृती को दाद देनेवाले कौन?
मैने कुछ जाना, मै कौन ? हम है कौन?

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०४/०१/२०११
प्रतिसादाची प्रतीक्षा