Tuesday, 4 October 2011

Crush का फंडा


पहले ही नजर में यार,
जैसे Short Circuit होता है|
दिल की धडकन बढ़े तेज,
सांसोंमे तूफान Hit होता है|

सर से पांव तक सरSSSसे,
 बहता है मिठासा Current|
तन में आगसी लगती है,
बैरी बुझती ही नही तुरंत|

जैसे Painter Canvas पर चलाये,
 हौलेसे रंग रंगीला Soft सा Brush|
मनमयूर नाचे मस्त पंख फैलाये,
 और भिडू यही तो है वो Solid Crush|
    
Crush को उम्र का बंधन है कहाँ,
आयु 12 हो या 60, पावोगे वहाँ|
क्या बताए मन का Feeling  हाय! हाय!,
जैसे मनमोहक Butterfly उडताही जाय|

लगते है Same ये Crush हो या प्यार,
पर दोनो है अलग अलग मेरे यार|  
प्यार Life में  एकसे और सिर्फ एकबार,
 Crush किसीसे भी,कंही भी,कितनी भी बार|

Youngistan के नये फन्डोंकी Invention है ये Crush|
अनुभव वालोन्के छंदोंकि Retention है ये Crush|
प्यार मे  Entry के पहले की Grand Rehersal है ये Crush|
अभी भी मै जवां हूँ वालोंकी Mad Reversal है ये Crush|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – 04/10/2011


Wednesday, 17 August 2011

रक्षाबंधन


वर्षा कि बरसी अमृत धारा|
सज-सवरके बैठी जैसे ये धरा|

इतने में झुमके सावन आया|
त्योहारोन्का काल मनभावन आया|

राखीका खुशीवाला दिन आये|
भाई बहन का प्यार दिखलाये|  

दोनोंका होता है प्यार अमर|
बांधे एक दुजे को रेशम कि डोर|

त्योहार है ये प्यारा रक्षाबंधन|
महकाये रिश्ता जैसे ताजा चंदन|

आती रहेगी हर साल सावन कि पूनम|
 पवित्र रिश्ता बरकरार रहेगा जनम-जनम|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – १३/०८/२०११
 

Thursday, 4 August 2011

जिंदगी अनमोल



किसकी रहती है तुझे सदासे ही फ़िक्र?
कुछ तो किया कर किसीसे ज़िक्र|

कल की चिंताओं को गोली मार दो|
आजके सुहाने पल ख़ुशी से भर दो|

भगवान ने तुझे दिया सब कुछ खास है|
फिर क्यों मेरे यार तू उदास उदास है|

खुद की ओर गौर से देख तो ज़रा|
कुछ भी तो नही है प्यारे तुझमे बुरा|

खुशकिस्मत पायी है तूने लाखोंमे एक|
खुशी ले खुशी दे , ना पीछे मुड़के देख| 

 कोई अच्छे से शौक को अपनाओ|
बुरे विचारोन्को सदा केलिये दफनाओ|

प्राणायाम ,योग ,ध्यान के साथ जुडो|
वैद्य-दवाओंका का रिश्ता जड से तोडो|

खुशी से कर दे तेरा हर पल हराभरा|
प्यारे , ये हसीन जिंदगी ना मिले दोबारा|

अब तो छोड़ो ये सब बेकार की बाते|
खुशहाल जिंदगी बीताओ प्यारे हंसते गाते|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०४/०८/२०११

Monday, 11 April 2011

बिल्लिदीदी


बिल्लिदीदी- बिल्लिदीदी तू कितनी रे कोमल।
कितने प्यारे  है , तेरे  म्याउ- म्याउ बोल।

भाँजा तेरा बाघ राजा, तू उसकी मौशी।
कितना बड़ा वो   ,पर तू  छोटी कैसी?

खेलने  कोई  नहीं करके,चुपचाप बैठती हो।
चूहा भैया आता है,तो उसे भगा क्यों देती हो?

पड़ोसवाला  बिल्ला  तेरा  शोहर ही है ना?
सदा झगड़ा ही क्यों , कभी तो प्यार कर ना।

बिल्लिदीदी -  बिल्लिदीदी तेरा  अपना अच्छा है।
 पढ़ाई-पाठशाला का नाम नहीं,जैसे कोई छोटा बच्चा है।

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – /०/२०११

Friday, 8 April 2011

संकल्प सिद्धी


होगी जिंदगी में हासिल जय।
अगर रहेगा बुलंद ध्येय।

सिर्फ स्वप्नरंजन से बात ना होगी पुरी।
कागज़ पर लक्ष्य की लिखावट जरूरी।

नयी कल्पनाओंकों जोड़ते जाओगे तबतक।
अंतिम ध्येय का ढाँचा पूरा ना हो जबतक।

सब कल्पनाओंकी अब योजना बनेगी।
कार्योंकी प्राथमिकता महत्वसे तय होगी।

सिर्फ लक्ष्य की चाहत ना होगी कभी पुरी।
पूर्णता की समय सीमा अविचल होना जरूरी।

अब किस की राह ना देखो।
शुभारंभ करो , आलश्य फेकों।

एक ही दिन ना बेकार जाये।
अंतिम लक्ष्य को नजदीक पाये।

लिखित ध्येय का महत्व सब जान जाये।
मनचाहा बुलंद ध्येय सब जन पाये।

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – /०४/२०११

Friday, 25 February 2011

चूहा भैया !

छुप – छुपके चलता है ,ची – ची करके बोलता है|
थोडीसी मेरी आहट से , खोपचे में दौडता है|

बिल्ली दिदिसे क्यों है तेरी सदा की दुश्मनी|
वह तो बेचारी रहती है तेरी सदा की दीवानी|

चूहे भैया - चूहे भैया , अरे रुक तो जरा|
मेरी एक छोटीसी बिनती , थोड़ी सुन तो जरा|

खेलने मुझसे आज ,  राजू नहीं आया|
मिनी से कल मेरा ,  झगड़ा हो गया|

आजा हम खेलते है , तू बन जा मेरा भिडू|
चोर – सिपाही खेलेंगे , देखेंगे TV पर जादू|

तेरा क्या चूहे भैया ! तू तो गणेशजी का दोस्त|
ठाट से बैठता है बाजु में , खाता है लड्डू मस्त|

अरे ओ , चूहे भैया ! मेरा एक काम कर ना रे|
गणेशजी को बोलकर , मुझे चंदामामा दे ना रे|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा 

Birds Idol



Birds Idol प्रतियोगिता तय हो गई |
मोर ,तोता और मैना Judge बन गई|
सारे पंछियोंकी auditions हुई|
सबने अपनी अपनी सरगमें गाई|

गानेकेलिये आया मुर्गी संग मुर्गा तगड़ा|
कुकडू –कु गाकर मुर्गी संग Dance किया भांगड़ा|
चिड़िया-कौवा गाने केलिए साथ-साथ आये|
चीव-चीव ,कॉव-कॉव मस्त मजे लेके गाये|

चमगादड़ और उल्लू निंदसे जागकर आये|
दिन में ना गा पाए ,तो सब हँस दिए|
मैं ही हूँ “Birds Idol” कोयल बोली|
गाऊँगी तब जब भेजोगे मेरेलिए डोली|

कबुतरने गाने का मौका गँवाया|
एक Urgent संदेशा जो देने गया|
ऊँची आसमानमें चील खाली घुमती रही|
बोली मेरे पास गाने को समय ही नहीं|

बगुले ने पानी में समाधी लगायी|
ना गा पाया बेचारा ,ना मछली चबाई|
अंतिम List अब हो गयी जारी|
चिड़िया और कौवे ने आखिर बाजी मारी|

चिड़ियाने निचली पट्टी में तो खूब गाया|
पर उपरी पट्टी ने बेचारी को बहुत रुलाया|
कौवे की कॉव- कॉव से Judges चिढ़ गये|
पर SMS से उसके Vote बढ़ गये|

आखिर कौवे ने कुहू – कुहू गाकर  सबको नचाया|
पहला “Birds Idol” जीतकर इतिहास रचाया|
कोयल ने उतारे ऐसे बरसोंके क़र्ज़|
कौवे के बदले Stage पर गाकर निभाया फर्ज|

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – २५/०/२०११
प्रतिसादकी प्रतीक्षा 
  

Thursday, 24 February 2011

मै कौन ? हम है कौन?

न मांगे मिले नश्वर तन|
न मांगे मिले चंचलसा मन|
न समझू मेरे होणे का प्रयोजन|
मै न जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

भूक-प्यास लगे , शरीर दान-पाणी मांगे|
सारे अंग सोये ,सिर्फ सांस,धडकन जागे|
अंदर का नियंत्रण ना जाने करे कौन?
मै ना जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

आस्तिक रखे भगवान पे भरोसा|
नास्तिक ने है ,खुद को तराशा|
सोच कि मर्यादा ना उलंघे कौन|
मै ना जाणू ,मै कौन ? हम है कौन?

कोई अज्ञात शक्तीने सृष्टी को बनाया|
अदृश रहके इसको खूब चलाया|
इस महान कलाकृती को दाद देनेवाले कौन?
मैने कुछ जाना, मै कौन ? हम है कौन?

कवी : बाळासाहेब तानवडे
© बाळासाहेब तानवडे – ०४/०१/२०११
प्रतिसादाची प्रतीक्षा